ग्लोबल स्किल्स और इंटरनेशनल पढ़ाई की दिशा में KLU का मजबूत कदम

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KL University ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है।

KL University ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है। इसी क्रम में हाल ही में सिंगापुर की प्रतिष्ठित नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर, इंस्टीट्यूट ऑफ सिस्टम्स साइंस (NUS-ISS) के प्रतिनिधि श्री डेक्सटन वोंग का कैंपस दौरा हुआ। वे NUS-ISS में आईटी फैकल्टी के अंतर्गत ग्रेजुएट रिक्रूटमेंट के असिस्टेंट सीनियर मैनेजर हैं।

यह दौरा केवल एक औपचारिक मुलाकात नहीं था, बल्कि KLU और NUS-ISS के बीच संभावित समझौता ज्ञापन यानी MoU को लेकर गहन चर्चा का अवसर भी बना। गौरतलब है कि NUS को QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में दुनिया में 8वां और एशिया में पहला स्थान मिला है। ऐसे में इस संस्थान के साथ सहयोग की संभावना KLU के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, Best Universities in India

छात्रों के लिए खुलेंगे वैश्विक अवसर

प्रस्तावित सहयोग का मुख्य उद्देश्य दोनों संस्थानों के बीच एक मजबूत शैक्षणिक सेतु बनाना है। इस MoU के माध्यम से KLU के छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्रणाली से जुड़ने का अवसर मिलेगा। चर्चा के दौरान कई अहम बिंदुओं पर विचार किया गया, जिनमें संयुक्त शैक्षणिक पहल, दोनों संस्थानों के बीच सीखने के साझा कार्यक्रम, और वैश्विक उद्योग की जरूरतों के अनुसार कौशल विकास कार्यक्रम शामिल हैं।

इसके अलावा, छात्रों को NUS-ISS के एप्लाइड लर्निंग मॉडल से जुड़ने, वहां की पढ़ाई और रिसर्च संस्कृति को समझने तथा आगे चलकर NUS-ISS के ग्रेजुएट प्रोग्राम्स में प्रवेश के रास्ते भी खुल सकते हैं। यह पहल KLU के छात्रों को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखेगी, बल्कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय अनुभव और व्यावहारिक ज्ञान से जोड़ने में मदद करेगी।

NUS-ISS की शिक्षा प्रणाली की झलक

अपने दौरे के दौरान श्री डेक्सटन वोंग ने KLU के फैकल्टी सदस्यों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विस्तार से बातचीत की। उन्होंने NUS-ISS की शिक्षा प्रणाली, उसके पाठ्यक्रम और सोच के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि NUS-ISS की पढ़ाई पूरी तरह से एप्लाइड लर्निंग पर आधारित है, जहां छात्रों को वास्तविक समस्याओं पर काम करने का मौका मिलता है।

श्री वोंग ने यह भी स्पष्ट किया कि NUS-ISS का पाठ्यक्रम उद्योग की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है, ताकि छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद डिजिटल और तकनीक आधारित दुनिया में आसानी से काम कर सकें। रिसर्च, प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और इंडस्ट्री प्रोजेक्ट्स को वहां की शिक्षा का अहम हिस्सा बताया गया। उनके विचार KLU के शैक्षणिक नेतृत्व से काफी मेल खाते नजर आए।

KLU नेतृत्व की सकारात्मक प्रतिक्रिया

KLH कैंपस के प्रिंसिपल डॉ. रामकृष्ण अकेल्ला ने इस संभावित सहयोग को लेकर खुशी और उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि यह पहल KLH के उस उद्देश्य के अनुरूप है, जिसमें छात्रों को वैश्विक स्तर के अवसर उपलब्ध कराना प्राथमिकता है। उनके अनुसार, अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ अकादमिक जुड़ाव से न केवल छात्रों का अनुभव बढ़ता है, बल्कि फैकल्टी और रिसर्च के क्षेत्र में भी नए रास्ते खुलते हैं।

डॉ. अकेल्ला ने यह भी कहा कि आज के समय में शिक्षा केवल डिग्री तक सीमित नहीं होनी चाहिए। छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए उन्हें वैश्विक सोच, आधुनिक कौशल और अंतरराष्ट्रीय संपर्कों की जरूरत होती है। इस दिशा में NUS-ISS के साथ प्रस्तावित MoU एक मजबूत कदम साबित हो सकता है।

भविष्य की ओर बढ़ता KLU

जैसे-जैसे यह चर्चा औपचारिक समझौते की ओर बढ़ रही है, वैसे-वैसे इसके लाभ स्पष्ट होते जा रहे हैं। इस सहयोग से छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा और करियर के नए रास्ते मिल सकते हैं। साथ ही, फैकल्टी के लिए भी संयुक्त रिसर्च और अकादमिक आदान-प्रदान के अवसर बढ़ेंगे।

नवाचार, गुणवत्ता शिक्षा और भविष्य के लिए जरूरी कौशल विकास जैसे साझा मूल्यों के साथ KLU एक नए अंतरराष्ट्रीय दौर में प्रवेश करने के लिए तैयार दिख रहा है। यह पहल न केवल संस्थान की वैश्विक पहचान को मजबूत करेगी, बल्कि छात्रों के सपनों को भी नई उड़ान देने में मदद करेगी।

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